पुष्पा
सक्सेना
-- जन्म स्थान इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश २--शैक्षिक योग्यताएं पीएच डी हिन्दी. एम् ए द्वय भूगोल एवं हिन्दी.
३- प्रकाशन -27पुस्तकें 5 उपान्यास.11 कहानी संग्रह, 8 बाल-कथा साहित्य, 2हास्य नाटक संग्रह, 1 शोध प्रबंध डॉ हरिवंश राय का गद्य-साहित्य प्रकाशित.
भारत, अमरीका, कनाडा तथा नीदरलैंड की स्तरीय पत्रिकाओं में 250 से अधिक कहानियां प्रकाशित. कई कहानियों का कई अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद.
४- सम्मान--इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा हिन्दी में प्रथम स्थान हेतु 3 स्वर्ण पदक, ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार ,(सूचना प्रसारण मंत्रालय), पर्यावरण मंत्रालय, राष्ट्रीय महिला आयोग तथा साहित्य संगम पुरस्कार के अतिरिक्त कई स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया एवं स्थानीय पुरस्कार.
५ -संप्रति- अमरीका की सियाटेल नगरी में स्वतंत्र लेखन.
६-संपर्क- 13819 NE 37TH PL Bellevue, WA 98005
email pushpasaxena@hotmail.com
३- प्रकाशन -27पुस्तकें 5 उपान्यास.11 कहानी संग्रह, 8 बाल-कथा साहित्य, 2हास्य नाटक संग्रह, 1 शोध प्रबंध डॉ हरिवंश राय का गद्य-साहित्य प्रकाशित.
भारत, अमरीका, कनाडा तथा नीदरलैंड की स्तरीय पत्रिकाओं में 250 से अधिक कहानियां प्रकाशित. कई कहानियों का कई अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद.
४- सम्मान--इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा हिन्दी में प्रथम स्थान हेतु 3 स्वर्ण पदक, ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार ,(सूचना प्रसारण मंत्रालय), पर्यावरण मंत्रालय, राष्ट्रीय महिला आयोग तथा साहित्य संगम पुरस्कार के अतिरिक्त कई स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया एवं स्थानीय पुरस्कार.
५ -संप्रति- अमरीका की सियाटेल नगरी में स्वतंत्र लेखन.
६-संपर्क- 13819 NE 37TH PL Bellevue, WA 98005
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web blog - www.hindishortstories.blogspot,com
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“क्रिसमस की एक रात” (कहानी)
क्रिसमस
की खुशी और उल्लास में डूबा पूरा शहर रंग-बिरंगी बिजली की झालरों से सजा दीवाली
मनाता लग रहा था.अतुल ने उसे पहले ही बता दिया था’
“तुम
बहुत अच्छे समय पर अमरीका पहुँच रही हो पूजा, दिसंबर का महीना शुरू होते ही
क्रिसमस की गूँज हर घर तक पहुँच जाती है. इतने दिलकश नज़ारे देख कर अपना देश भूल
जाओगी.”
“नहीं
ऐसा नहीं हो सकता अतुल, अपने देश की तो माटी तक से प्यार होता है.”पूजा ने सच्चाई
से कहा.
एयरपोर्ट
से ही अतुल की बात की सच्चाई स्पष्ट हो गई. टैक्सी से जगमगाते शहर को देखती पूजा
मंत्रमुग्ध थी. सड़कों पर भीड़ की वजह से टैक्सी धीमी गति से चल रही थी.सर्दी का
मौसम होते हुए भी लोगों की उत्साहित भीड़ सडकों पर नाचती-गाती चल रही थी. लाल कपडे
पहिने सेंटा क्ळॉज़ बना एक व्यक्ति हाथ में ली घंटी बजा कर बच्चों को आकर्षित कर
रहा था. अपनी बड़ी सी जेब से चॉकळेट निकाल कर बच्चों को दे रहा था. बच्चों की खुशी
देखते ही बनती थी.
“छोटे
बच्चों को बताया जाता है, सेंटा क्ळॉज़ रात में क्रिसमस ट्री के नीचे उनके लिए
गिफ्ट्स रक्खेगा. बच्चे सवेरे अपनी गिफ्ट्स देखने को आतुर रहते हैं. असल में तो
पेरेंट्स बच्चों की मनपसंद गिफ्ट्स रखते हैं,पर बच्चों के लिए वो गिफ्ट्स सेंटा
क्ळॉज़ रखता है,”अतुल पूजा को जानकारी दे रहा था.
“ये
सब तो मै ने पढ़ा है, पर आज देखने का मौक़ा मिला है.”पूजा ने खुशी से कहा.
“अब
कहो पूजा, मै ने सच था न? इंडिया में ऎसी रौनक कभी देखी है?”अतुल ने कहा.
“मुझे
तो अपने देश की दीवाली की याद आ रही है. वहां भी तो ऐसा ही उत्साह रहता है. वैसे
भी मिट्टी के दीयों में बाती लगाना, तेल डाल कर दीप जलाने में अलग ही खुशी मिलती
है.”
“एक
ख़ास बात और है, शौपिंग के लिए क्रिसमस का समय बेस्ट होता है. शौपिंग सेंटर्स में
भारी सेल लगता है. तुम देखोगी लोग किस तरह से खरीददारी के लिए टूटे पड़ते हैं. बड़े
माल्स की सजावट देख कर तो दुलहिन भी शर्मा जाए. ग्राहकों के अलावा लोग शौकिया भी
सजावट देखने जाते हैं.’
अभी
एक सप्ताह पहले ही अतुल और पूजा विवाह-बंधन में बंधे थे. वैसे तो अतुल पिछले पांच वर्षों
से अमरीका में अच्छी नौकरी कर रहा था, पर उसकी माँ उससे जब भी शादी की बात करती,
वह टाल देता. इस बार अतुल के इंडिया आने के पहले ही माँ ने अतुल के लिए सुन्दर-सुशील
पूजा को चुन लिया था. पूजा में माँ को वो सभी गुण दिखे जो एक अच्छी पत्नी और बहू
में होने चाहिए. पूजा पढाई में हमेशा पहला स्थान पाती रही. इस वर्ष हिस्ट्री विषय
में टॉप करके वह पीएच डी ज्वाइन करना चाह रही थी, पर अतुल की माँ ने उसके घर जाकर
अपने बेटे अतुल के लिए उसका हाथ मांग लिया. पति के न रहने पर वह बहू के चयन में
सावधानी रख रही थीं. माँ को पूजा की सच्चाई और न्यायप्रियता की पूरी जानकारी थी.
अपने फायदे-नुक्सान की परवाह न कर, वह सच का साथ देती थी. माँ को पूरा विश्वास था
विदेश में रह रहे उनके बेटे के ळिए पूजा हर तरह से उपयुक्त थी.
इसी
बीच अतुल के बाबा बहुत बीमार हो गए. बीमारी में उन्होंने वसीयत में अपनी भारी
जायदाद इकलौते पोते अतुल के नाम इसी शर्त पर कर दी कि वह किसी भारतीय लड़की से
विवाह करके उसे अपने साथ अमरीका ले जाएगा. शर्त पूरी न करने की स्थिति में उनकी
जायदाद किसी ट्रस्ट को चली जाएगी. बाबा की मृत्यु के बाद भारत आने पर अतुल को बाबा
की शर्त माननी ही पड़ी. वैसे भी पूजा में वो सब कुछ था जिसकी कोई कल्पना कर सकता
है.शादी के दो दिन पहले अतुल पूजा की माँ
के पास आया था.
“माँ
आपसे कुछ ज़रूरी बात करनी है.”
“कहो
क्या बात है.” माँ शंकित हो उठी थी.
“घबराने
की कोई बात नहीं है. असल में अभी मेरे पास ग्रीन कार्ड है, ग्रीन कार्ड होने पर
पत्नी को अमरीका नहीं ले जा सकता, पर बाबा की शर्त है कि पत्नी को साथ ले जाऊं.
इसलिए पूजा के लिए छह महीनों का विजिटर वीसा ले लिया है. इस बीच मुझे अमरीका की
सिटीज़नशिप ज़रूर मिल जाएगी. वहां हम दोनों कोर्ट में शादी कर लेंगे और पूजा को भी
अमरीकी नागरिकता मिल जाएगी.”
“अगर
ऐसा नहीं हुआ तो क्या होगा, अतुल बेटा?”माँ चिंतित हो उठी.
“अब
पूजा मेरी ज़िम्मेदारी है, आप बिलकुल चिंता न करें.”अतुल ने पूरे विश्वास के साथ
कहा.
माँ
परेशान ज़रूर थी, पर शादी तोड़ने पर लड़की की ही तो बदनामी होगी. अब अतुल की बात पर
भरोसा करना ही उचित था. समाज तो लड़की को ही दोष देगा.
शादी
की पहली रात अतुल पूजा की सुन्दरता की तारीफें कर के अपने भाग्य को सराहता रहा.
अमरीका से वह पूजा के लिए एक बहुत सुन्दर ज्वेलरी का सेट लाया था.
“तुम्हारी
सुन्दरता ने इस ज्वेलरी की सुन्दरता बढ़ा दी.”
“रहने
दीजिए आपके सामने हम क्या हैं.”शर्माती पूजा बस इतना ही कह सकी.
’पूजा
शायद माँ ने तुम्हें बताया होगा मै तुम्हें विजिटर्स वीसा पर क्यों ले जा रहा हूँ.
असल में जब से तुम्हें देखा है,तुमसे थोड़ी देर की भी जुदाई बर्दाश्त नहीं कर सकता.
मेरे कुछ मित्रों ने भी ऐसे ही अमरीका जा कर शादी की हैं. तुम्हे मुझ पर यकीन है
न?”
“जी
हाँ, आप पर पूरा यकीन है.”मुस्कुरा कर पूजा ने कहा.
अतुल
ने अपने मित्रों की अमरीका के कोर्ट में की गई ऎसी ही शादियों के उदाहरण दे कर
अपनी बात की पुष्टि की थी. अतुल के आकर्षक व्यक्तित्व ने पूजा को मुग्ध किया था, अविश्वास
का तो प्रश्न ही नहीं उठता था. अमरीका के सपने देखती पूजा कुंवारी लड़की की तरह
जाने की कल्पना से रोमांचित हो उठी. बिना सिन्दूर, गहनों और भारी कपड़ों की जगह
पूजा सलवार-सूट में ही विदा की गई थी और आज वह अपने पति के घर आ पहुंची थी.
अतुल
के पास एक अच्छा अपार्टमेन्ट था. घर में किसी स्त्री के न होने के बावजूद घर
व्यवस्थित था.
“वाह
आपने तो घर खूब सजा रक्खा है. ज़्यादातर बैचलर्स का घर अव्यवस्थित रहता है.”
“यह
अमरीका है, यहाँ बहुत से काम अपने आप करने होते हैं. घर गंदा रहेगा तो सफाई खुद ही
करनी होती है. कुछ दिनों में तुम भी ये सच्चाई जान जाओगी. इंडिया का आराम शायद न
मिल सके.’
“आप
परेशान ना हों, मुझे काम करने की आदत है.”कुछ मुस्कुरा कर पूजा ने जवाब दिया.
“वो
सामने बाथ- रूम है, तुम फ्रेश हो जाओ. देखता हूँ फ्रिज में डिनर के लिए क्या है.”
“क्या,
आप दस दिनों बाद आए हैं, इतना बासी खाना खाएंगे? मै कुछ बना देती हूँ.
“अब
अमरीका में रहोगी तो जान जाओगी, यहाँ एक महीने पहले का बना खाना भी फ्रीज़ करके
खाया जाता है, पूजा. कल मार्केट से ग्रासरी कर लेना, जो चाहिए यहाँ सब मिलता
है.”अतुल फ्रिज से सामान निकालने लगा.
टेबिल
पर मटर पनीर, भिडी और रायते के साथ नान देख कर पूजा विस्मित रह गई.
“वाह
ये देख कर तो लगता है खाना किसी होटल से मंगाया गया है.”खुशी से पूजा ने कहा.
“मुझे
तो रेडीटु ईट” के सहारे ही रहना होता है.”कुछ मायूसी से अतुल ने कहा.
“अब
आपको रोज़ ताजा खाना मिलेगा, श्रीमान जी. पूजा नाम की ये आपकी पत्नी अच्छा खाना बना
लेती है.”पूजा ने परिहास में कहना चाहा.
अतुल
की ओर से कोई जवाब नहीं आया, पर उसके चहरे पर उद्विग्नता सी थी. शायद शादी के
रीति-रिवाज़ और लम्बी उड़ान के बाद थकान स्वाभाविक थी. शादी के बाद भी व्यस्तताओं के
कारण अतुल से कोई ख़ास बातें नहीं हो सकी
थी,. सिर्फ अतुल ही नहीं, पूजा की मेधा और सुन्दरता के कारण उसे कितने ही साथियों
की प्रशंसा मिलती रही है. समीर ने तो उसके साथ विवाह के लिए संदेशा भी भेजा था, पर
माँ को अमरीका के दामाद के आगे समीर नहीं भाया. वैसे पूजा और समीर के बीच
प्रेम-संबंध नहीं था, पर पूजा को समीर अच्छा लगता था. समीर को यूनीवर्सिटी में
लेक्चरार का जॉब मिल गया था., वह पूजा से कहता-
“हिस्ट्री
में टॉप कर चुकी हो, अब तुम्हें भी यूनीवर्सिटी में जॉब मिल जाएगा. हम दोनों को
साथ-साथ छुट्टियां मिलेंगी, हम पूरे हिन्दुस्तान का चक्कर लगाएंगे.”
“पूरे
हिन्दुस्तान का क्यों पूरी दुनिया का क्यों नहीं?”पूजा शोखी से कहती.”
“तुम्हारे
लिए तो अंतरिक्ष में भी जा सकता हूँ, तुम हुक्म तो करो.”दोनों हंस पड़ते.
समीर
से पूजा के विवाह में शायद कोई बाधा नहीं आती अगर बीच में अतुल के साथ रिश्ते का
प्रस्ताव न आ गया होता. सच तो यह है पूजा भी अमरीका के नाम से समीर के साथ विवाह
के लिए माँ का विरोध नहीं कर सकी. समीर के उदास चहरे को नकार, उसने माँ की इच्छा
पूरी करने की मजबूरी का बहाना बना दिया
था.
अचानक
खाना खाते हुए अतुल का फोन बज उठा. खाना छोड़ अतुल तेज़ी से फोन रिसीव करने चला गया.
वापस आए अतुल के चहरे पर आश्वस्ति सी थी.
“कल
क्रिसमस की पार्टी में मेरे फ्रेंड डेविड और उसकी पत्नी ने हमें इनवाइट किया है. कल
हमें कुछ गिफ्ट्स खरीदनी हैं, सभी अमेरिकन मित्रों को गिफ्ट्स देनी हैं.”
“अरे
ये तो होली-दीवाली पर इंडिया में भी होता है. यहाँ तक कि घरों में काम करने वालों
को भी उपहार दिए जाते हैं.”पूजा को अपना देश याद हो आया.
“बहुत
रात हो गई है तुम थक गई होगी, राइट साइड में बेडरूम है, तुम सो जाओ, मै अपने
मित्रों और ऑफिस वालों को क्रिसमस की बधाई के कार्ड्स लिखूंगा. कल कार्ड्स मेल
करने हैं, वरना देर हो जाएगी.”
अतुल
को खाने के बर्तन और डिशेज उठाते देख पूजा संकोच से भर उठी.
“आप रहने दीजिए, ये सब मै कर लूंगी,”पूजा नेअतुल से बर्तन लेने चाहे.
“आप रहने दीजिए, ये सब मै कर लूंगी,”पूजा नेअतुल से बर्तन लेने चाहे.
“तुम
रहने दो, यहाँ घर आए मेहमान भी अपने बर्तन धो कर डिश वाशर में लगाते हैं. वैसे
आपका ये गुलाम ऐसे काम करने का आदी है. आपको इसकी आदत नहीं होगी.” प्यार से अतुल
ने कहा.
शायद
उसने सच ही कहा था. उसके घर तो बर्तन मांजने वाली बाई आती है. उसकी वजह से डिश
वाशर की ज़रुरत ही कहाँ थी.
अकेले
बिस्तर पर लेटी पूजा को माँ की याद कर के रुलाई आ गई. अतुल का उसे अकेले सोने को
कह कर दूसरे रूम में काम करना उसे अच्छा नहीं लगा, पर उसने अपने मन को समझाने में
देर नहीं की. शायद अतुल अमरीका में रहने के कारण प्रैक्टिकल हो गया है. बहुत से
युवक शादी के बाद जल्दी पत्नी के साथ सहज नहीं हो पाते. ऐसे ही ख्यालों में पूजा
को हलकी झपकी आ गई तभी फोन की घंटी ने उसे जगा दिया. अतुल फोन पर धीमे-धीमे बात कर
रहा था’
“डॉक्टर,
क्या स्टेटस है, कब तक का टाइम उसके पास है?”
पूजा
चौंक गई, इतनी रात में अतुल किसके बारे में पूछ रहा है. अतुल से पूछने की अपनी
उत्सुकता को दबा, सवेरे बात करने का निश्चय कर वह सो गई.
दुसरे
दिन अतुल उत्साहित था. रात को लिखे कार्ड्स मेल बौक्स में रख कर पूजा से कहा-
“तैयार
हो जाओ, हमें गिफ्ट्स और क्रिसमस ट्री लाना है. आज घर में लाइट भी लगानी हैं. यहाँ
रहने वाले सभी भारतीय अमेरिकन्स की तरह ही बड़े जोर-शोर से क्रिसमस मनाते हैं.”
”कल
आप किसी की बीमारी के बारे में पूछ रहे थे, कौन बीमार है?”
“तुम
जाग रही थीं, एक दोस्त हॉस्पिटल में एडमिट है. अब इन बातों में टाइम वेस्ट मत
करो.”
अतुल
के साथ शौपिंग माल्स में गई पूजा का सारा अवसाद तिरोहित हो गया. इतनी बड़ी और सजी
शॉप्स में ग्राहकों की भीड़ थी. ज़्यादातर चीजें आधे या उससे भी ज़्यादा छूट पर बेची
जा रही थीं. पूजा का जी चाह रहा था ढेर सारी चीजें खरीद डाले. अतुल सावधानी से दाम
देख कर गिफ्ट्स खरीद रहा था.
“पूजा,
तुम भी अपने लिए कोई गिफ्ट ले लो, अभी बहुत सस्ते दामों में अच्छी चीजें मिल रही
हैं..”
“अच्छा
तो जनाब हमें सस्ते दामों की चीज़ दिलवाना चाहते हैं?”शैतानी से पूजा ने कहा.
“इस
बात की सच्चाई की गवाह तो यहाँ की भींड़ देख कर ही समझ सकती हो. लोग इसी वक्त
क्रिसमस- शौपिंग करते हैं. वैसे तुम जो पसंद करो ले सकती हो, दाम की चिंता नहीं
करो.”
अतुल के कहने पर पूजा ने अपनी पसंद की माला और
इयरिंग ले लिए. अतुल के साथ पूजा भी खुश थी .हवा में क्रिसमस कैरोल गूँज रहे थे.
पूजा का मन भी गा रहा था.
खुशी के उस माहौल
मेंलोग एक-दूसरे से मेरी क्रिसमस कह कर हाथ मिला रहे थे. कुछ लोग मॉल्स के कोनों
में इकट्ठे हो कर विविध वाद्यों के साथ खुशी से गा रहे थे पूजा भी उस खुशी में शामिल हो गई थी. माल सेलौटते
हुए रास्ते में एक नर्सरी पड़ी, वहां छोटे-बड़े बहुत सारे क्रिसमस ट्री थे अतुल ने
एक छोटा पेड़ खरीद लिया. घर पहुँच अतुल ने घर के सामने वाले रूम में क्रिसमस ट्री
सजा दिया. गराज से पेटी ला कर उसमें से रंगीन बल्ब, चमकीले सितारे और खिलौने निकाल
कर पूजा से कहा-
“इन
सबको इस क्रिसमस ट्री पर सजा दो, बड़े खिलौने जैसे सेंटा क्ळॉज़, स्लेज खींचते
रेंडियर, नट क्रैकर वगैरह को नीचे सजा दो. मै बाहर लाइट्स लगाने जा रहा हूँ, फिर
क्रिसमस ट्री पर लाईट लगाऊंगा.’
पूजा
भी उत्साहित हो उठी. उसके मन में भी क्रिसमस का उत्साह भर गया. पूरे दिन दोनों ने
मिल कर क्रिसमस के लिए घर को सजाया. शाम को मौरिस दंपति के यहाँ जाने के लिए अतुल
ने बड़ी सी डेकोरेशन पीस खरीदी थी. अचानक अतुल को याद आया शाम की पार्टी में पूजा
क्या पहनेगी? अच्छा होता आज उसके लिए कोई ड्रेस खरीद ली होती.
“एक
प्रॉब्लेम है, पार्टी में लेडीज़ वेस्टर्न ड्रेस पहनेंगी, वहां तुम्हारी साड़ी नहीं
चलेगी.”
”आपको
परेशान होने की ज़रुरत नहीं है, मेरे पास बहुत शानदार वेस्टर्न ड्रेसेज हैं. कॉलेज
और यूनीवर्सिटी में मै स्कर्ट या जींस और टॉप पहिनती थी. अमरीका के लिए नई ड्रेसेज
भी लाई हूँ.”खुशी से पूजा ने जानकारी दी.
“चलो
ये अच्छा है, पर वहां याद रखना तुम मेरी पत्नी नहीं हो, इंडिया से आई मेरी मेहमान
हो.”
शाम
को ठीक समय पर वे मौरिस दंपत्ति के घर पहुंचे थे. घर की भव्य सजावट देख पूजा
विस्मित रह गई. कहीं रोशनी के झरने बने थे, कहीं पेड़ों की डालियों पर रंग-बिरंगी
बिजली की झालरें मन मोह रही थीं. पूरा घर जैसे रोशनी में नहाया हुआ था. अन्दर से
आरही संगीत की मीठी धुन बाहर के माहौल को
और भी रंगीन बना रही थीं.
मौरिस
दंपत्ति नताशा और डेविड मेहमानों का स्वागत कर रहे थे. नताशा ने पूजा को गले से
लगा कर कान के पास चुम्बन किया. अतुल ने डेविड से हाथ मिला कर गिफ्ट का बैग नताशा
को थमाया था.थैंक्स कहती नताशा ने गिफ्ट स्वीकार कर ली.
“अतुल
तुम्हारी दोस्त तो परफेक्ट इन्डियन ब्यूटी है. पूजा सम्हल के रहनायहाँ तुम जैसी
इन्डियन ब्यूटी के अमेरिकन दीवाने होते हैं.”नताशा ने परिहास किया और पूजा का
चेहरा शर्म से लाल पड़ गया.
“तुम
बिलकुल ठीक कह रही हो, नताशा, अतुल तुम बहुत लकी हो, ऎसी मेहमान लाए हो जिसे देख
कर किसी का भी मन डोल जाए.”डेविड की मुग्ध दृष्टि ने पूजा को संकोच से भर दिया.
हॉल
में सिर्फ अमेरिकन ही नही, चाइनीज़, ऐफ्रीकन अमेरिकन और कुछ और देशों के लोग थे.. इतना
तो स्पष्ट था अमरीका में जाति और धर्म का भेद-भाव नहीं दिखता था. सब एक साथ मिल कर
खुशी मना रहे थे. सबके हाथों में शराब के ग्लास थे. अधिकाँश युवक और युवतियां नशे
में मस्त नाच रहे थे..
नताशा
ने स्त्रियों के एक ग्रुप से पूजा को मिलाते हुए कहा-
“फ्रेंड्स, मीट ऐन
इन्डियन ब्यूटी, मिज़ पूजा फ्रॉम इंडिया.” लौंग स्कर्ट पर लालकश्मीरी एम्ब्रायडरी
वाली सिल्क की कुरती पहिने पूजा बहुत प्यारी लग रही थी.
स्त्रियों ने पूजा
को गले लगा स्वाभाविक रूप से चुम्बन अंकित कर दिए. सबने पूजा और उसकी ब्यूटी को
सराहा. उनके सहज व्यवहार ने पूजा का संकोच दूर कर दिया और वह भी आसानी से अपने और
इंडिया के बारे में पूछे जा रहे सवालों का हंस कर उत्तर देती गई.पूजा को भी जब एक
पेग औफा किया गया तो उसने संकोच से मना कर दिया. नताशा ने प्यार से कहा
“पूजा
तुम शैम्पेन या रेड वाइन ले सकती हो,ये हार्ड ड्रिंक नहीं है.”
”सौरी
मुझे ये सूट नहीं करती, मै कोल्ड ड्रिंक ले लूंगी.”
“ओके
ऐज यूं विश, आओ तुम अपनी पसंद की कोल्ड ड्रिंक ले लो, पर अतुल तो हार्ड ड्रिंक्स
का बेहद शौकीन है. उधर देखो, वह पेग पर पेग लिए जा रहा है.”नताशा हंस रही थी.
थोड़ी
देर बाद नताशा ने अनाउंस किया-
“लिसेन,
अब डांस कॉम्पटीशन होने वाला है.बेस्टजोडी को प्राइज़ मिलेगी. ये ज़रूरी नहीं है कि
जोडी कपल ही हो, आप अपना पार्टनर चुन सकते हैं.”
“क्या
तुम डांस कर सकती हो, यहाँ इंडिया का कत्थक नहीं चल सकता, तुम कहीं बैठ कर मज़ा ले
सकती हो.” अतुल ने पूजा से धीमे से कहा.
“शायद
आपने शादी के पहले मेरे बारे में कुछ नहीं जाना, मै अपने कॉलेज और अभी यूनीवर्सिटी
में हर तरह के डांस में फर्स्ट प्राइज़ पाती रही हूँ. आप चांस ले सकते हैं, डांस
मेरा पैशन है.”पूजा मुस्कुराई.
म्यूजिक
शुरू होते ही जोडियाँ डांस के ळिए फ्लोर पर आ गईं. अतुल भी पूजा के साथ था. कुछ ही
देर में अतुल समझ गया पूजा को वेस्टर्न डांस में भी दक्षता थी. अधिक पीने के कारण
अतुल कभी डगमगा सा जाता. उसी समय डेविड ने आ कर पूजा के साथ डांस की परमीशन मांगी.
अतुल खुशी से पूजा का साथ छोड़ और ड्रिंक लेने चला गया. एक के बाद एक पूजा के साथ
लोग डांस के लिए आते रहे, पूजा भी जैसे सब भूल नाचती रही.अतुल दूर चेयर पर बैठा
ड्रिंक करता गया. डांस के अंतिम भाग में डेविड पूजा के साथ था. म्यूजिक बंद होने
पर डांसर्स रुक गए.
अब
बेस्ट जोड़ी के रिज़ल्ट की सबको प्रतीक्षा थी. मिसेज विलियम ने रिज़ल्ट अनाउंस किया-
“बेस्ट
डांसर जोडी के लिए इस घर के होस्ट डेविड और इंडिया से आई मेहमान मिज़ पूजा को चुना
गया है. इन दोनों को एक-एक शैम्पेन की बॉटळ इनाम में दी जाती है.”
लोगों
की तालियों के बीच धीमे से डेविड ने कहा-
“थैंक्स
फॉर बींग माई पार्टनर. यू आर वन्डरफ़ुळ डियर.”
अचानक
अतुल ने आकर पूजा के हाथ में पकड़ी बॉटळ पूजा से छीन सी ली.
“इसे
तुम ले कर क्या करोगी? तुमने ये मेरे लिए ही जीती है ना?”
अतुल
के इस कृत पर लोग हंस पड़े, पर पूजा का चेहरा शर्म से झुक गया. ये ठीक था, अतुल नशे
में था, पर उसका यह व्यवहार असम्मानजनक था. नताशा ने सबको डिनर बेल बजा कर डिनर की
सूचना दी थी. एक बड़ी सी टेबिल पर तरह-तरह के कॉनटीनेनटळ व्यंजन, फल और ड्रिंक्स
रखे हुए थे. पूजा को अतुल की प्रतीक्षा थी, पर वह इतना पी चुका था कि उठने में
असमर्थ सा था. पूजा ने जाकर उसे बुलाना चाहा, पर उसने कुछ भी खाने से मना कर दिया.
अंतत: पूजा अकेली ही टेबिल पर आ गई. प्लेट में थोड़ा सा पास्ता और लेमनेड ले कर
पूजा एक कोने की चेयर पर बैठ गई, उसका मन अचानक उदास सा हो आया. दिन भर की थकान
जैसे उस पर हावी हो गई. डेविड और नताशा उससे और कुछ लेने को कहते रहे, पर पूजा और
कुछ लेने को नहीं उठी.
रात
के दो बज रहे थे, अब सब वापसी के लिए तैयार थे.अतुल बेसुध सो रहा था. अमरीका में
ड्रिंक कर के ड्राइव करना बड़ा अपराध होता है.डेविड ने इसीलिए कुछ ड्राइवरों
कोलोगों को घर पहुंचाने के लिए बुला रखा था. अतुल को सहारा दे कर कार में बैठाया
गया. डेविड और नताशा से विदा मांग, पूजा अतुल के साथ कार में बैठ गई. घर में
ड्राइवर की मदद से अतुल को बेड तक पहुंचा कर पूजा निढाल सी पास पड़ी चेयर पर बैठ
गई. उसका मन बेहद उदास था, अतुल के इस रूप ने मानो उसके सारे सपने तोड़ दिए थे.अतुल
बेसुध पडा था तभी फोन की घंटी बजी थी. पूजा ने रिसीवर कान से लगाया था, उधर से
आवाज़ आई थी-
“नर्स
मार्था स्पीकिंग, सॉरी मिस्टर चंद्रा, योर वाइफ मिसेज़ तान्या चंद्रा पास्ड अवे पीसफुली.
प्लीज़ कम ऐट दी अर्लिएस्ट टु कम्प्लीट दी फौर्मैलिटीज़. उनकी बॉडी मार्चरी में रखी
जा रही है” (नर्स मार्था बोल रही हूँ,
दुःख है, आपकी पत्नी तान्या चंद्रा की कुछ देर पहले शान्ति से मृत्यु हो गई है.
औपचारिकता पूरी करने के लिए शीघ्र आइए. उनका शरीर मार्चरी में रखा जा रहा है.)
“क्या,
आप किसे मेसेज दे रही हैं? मै अतुल चंद्रा की वाइफ पूजा चंद्रा बोल रही हूँ.”पूजा
घबरा गई.
“व्हाट?
मिसेज चंद्रा तो पिछले चार महीनों से थ्रोट-कैंसर की लास्ट स्टेज की वजह से
हॉस्पिटेळाइज़ थीं. पुअर तान्या ने बहुत सफ़र किया. आप जो भी हैं, प्लीज़ मिस्टर
चंद्रा को इन्फौर्म कर दें थैंक्स.”फोन काट दिया गया.
पूजा
पर तो जैसे पहाड़ टूट पडा. पाँव के नीचे से ज़मीन खिसक गई. क्या ये सच हो सकता है?
अतुल की पत्नी तान्या की मृत्यु हो गई तो फिर ये पूजा कौन है? कुछ भी सोचने-समझने
की शक्ति ही शेष नहीं रही थी. अचानक जैसे चैतन्य हो कर बेसुध पड़े अतुल को झकझोर
डाला था’ पास रखे ग्लास का पूरा पानी अतुल के चहरे पर डाल दिया. बौखला कर अतुल जाग
गया.
“ये
क्या तमाशा है, पानी क्यों डाला. मै आराम से सो रहा था, मर तो नहीं गया था.” अतुल गुस्से
से बोला.
“तुम
नहीं, तुम्हारी पत्नी तान्या मर गई.”पूजा के स्वर में न जाने क्या था.
“क्या-
- आ , तुम्हे किसने बताया?”अतुल पूरी तरह जाग चुका था.
“बताओ
क्या ये सच है, अभी किसी नर्स ने फोन किया था.कहीं किसी ने ये मज़ाक तो नहीं किया
है?”पूजा यकीन नही कर पा रही थी.
“ओह
गॉड! आज ही उसे मरना था. मुझे जाना होगा. लौट कर बताऊंगा.”
“नहीं
तुम ऐसे नहीं जा सकते, बताओ तान्या तुम्हारी पत्नी थी या नहीं?”
“हाँ
वह मेरी पत्नी थी, पर मेरे लिए वह बहुत पहले मर चुकी थी. अनफ़ॉरध्युनेटळी अब क्रीमेशन
का झन्झट, कुछ करना होग..” जैकेट पहिन, गराज से कार निकाल अतुल चला गया.
स्तब्ध
बैठी पूजा सोच नहीं सकी, वह इतने बड़े धोखे की शिकार बनी है. जिस समय अतुल की पूर्व
पत्नी तान्या मृत्यु से जूझ रही थी उस समय
अतुल भारत में. बैड -बाजों के साथ पूजा से खुशी-खुशी शादी कर रहा था. कभी उसने
तान्या से प्यार किया होगा, उससे पूजा की तरह ही प्यारभरी बातें की होंगी. नहीं,
पूजा अब अतुल को किसी हालत में नहीं सह सकती.
थोड़ी
देर में पूजा किसी निश्चय पर पहुँच गई थी. फोन उठा कर 911 आयल किया था. वह
जानतीथी किसी भी मुश्किल में यह नंबर लगाने पर पुलिस (कॉप) मदद के लिए तुरंत आ
जाती है. दूसरी ओर से आई आवाज़ के उत्तर में पूजा ने कहां-
“मुझेतुरंत
मदद की ज़रुरत है, प्लीज़ हेल्प मी.”
कुछ ही देर में पुलिस की वेंन के साथ दो पुलिस
की वर्दी में आए कॉप्स ने डोर-बेल बजाई थी. दरवाज़ा खोलते ही पूजा ने कहा
“प्लीज़
मुझे यहाँ से तुरंत ले चलिए. मेरे साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है.” अपनी बात
कहते-कहते बहुत रोकने पर भी पूजा की आँखों से आंसू बह निकले.
पूजा
की स्थिति देख वे समझ गए उसके साथ कुछ गलत हुआ है.
“डोंट
वरी, वी विल टेक केयर ऑफ़ एवरीथिंग.”पूजा को वेंन में बिठा कर वे उसे पुलिस स्टेशन
ले गए.
पूजा
को शान्ति से बैठने को कह, उसके हाथ में गर्म कॉफी का मग थमाया गया. कुछ देर बाद
पूजा कुछ् चैतन्य हो सकी. ऑफिसर द्वारा पूछे जाने पर उसने अतुल का नाम-पता दिया
था. उसके साथ क्या धोखा हुआ था, जानने के लिए सवाल पूछा गया तो पूजा ने कहा-
“पह्ली
पत्नी के होते हुए भी अतुल ने इंडिया में मुझसे झूठ बोल कर धोखे से शादी की है.
मुझे अपनी पहली पत्नी के बारे में कुछ नही बताया.” पूजा की आवाज़ रुंध गई.
“आप
किस वीसा पर अमरीका आई हैं?”
“अतुल
ने कहा था वह ग्रीन कार्ड पर है, इसलिए मुझे विजिटर्स वीसा पर लाया है.”
“उसने
आपसे बिलकुल झूठ कहा है. अतुल चंद्रा तान्या से शादी करने के बाद यहाँ का सिटीज़न
बन चुका है. हमें दुःख है आप एक बड़ी साज़िश का शिकार बनी हैं. अब आप क्या चाहती
हैं, हम पूरी हेल्प करेंगे’
पुलिस
वालों के चेहरों पर सहानुभूति स्पष्ट थी.
“अतुल
चन्द्रा को इस धोखे के लिए कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए. अब मै उसके साथ एक पल को भी नहीं
रह सकती, पर यहाँ मै किसी को भी नहीं जानती. इंडिया जाने के लिए मेरे पास टिकट के
पैसे भी नहीं हैं.” पूजा की आँखें भर आईं.
“अगर
ऐसा है तो अमरीका में आप जैसे लोगों की हेल्प के लिए सरकार की ओर से स्टेट
असिस्टेड होम के साथ रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए फाइनेंशियल ग्रांट की भी व्यवस्था
की जा सकती है.”एक.ऑफिसर ने सहानुभूति के साथ जानकारी दी..
“इसके
लिए मुझे क्या करना होगा?’पूजा जैसे होश में आ रही थी.
“अतुल
चंद्रा के विरुद्ध केस में आपकी गवाही की ज़रुरत पड़ेगी. इस लिए आपको यहाँ रहना
ज़रूरी है. आप वेळ एज्युकेटेड हैं, हम आपके लिए वर्क परमिट और ग्रीन कार्ड दिए जाने
की सिफारिश भी करेंगे.”. दूसरे सीनियर ऑफिसर
ने कहा’
“थैंक्स.
मेरा सामान उस घर में है, उसे लाना होगा.’पूजा में अचानक हिम्मत आ गई थी.
“अगर
आप जाना चाहें तो हमारा एक कॉप आपके साथ जा कर आपको सामान लाने में हेल्प करेगा.”
“थैंक्स,मै
जाने को तैयार हूँ. अपना कोई भी सामान वहां नहीं छोड़ना चाहती .”
अपार्टमेन्ट
में प्रवेश करती पूजा भावुक हो गई, कितने सपनों के साथ वह यहाँ आई थी, और आज सारे
सपने टूट कर बिखर गए. अपने दोनों सूटकेसेज और ड्रेसिंग टेबिल पर रखा सामान भी उसने
उठा लिया. इस घर में उसकी कोई चीज़ नहीं रहनी चाहिए. बेड के पास वाली मेज़ पर उसने
बड़े प्यार से अपनी और अतुल के साथ की फोटो रखी थी. पूजा ने वो फोटो भी उठा ली,
नहीं इसकी अब यहाँ कोई ज़रुरत नहीं रह गई थी.
पुलिस
स्टेशन पर आने के लिए अतुल को सूचना दी जा चुकी थी. एक पुलिस वाला अतुल पर निगाह
रख रहा था. शायद दो घंटों बाद थका सा अतुल पहुंचा था, पूजा को देख वह चौंक गया.
“क्या
हुआ, पूजा, सब ठीक तो है?’
“मिस्टर
अतुल आपके खिलाफ मिज़ पूजा ने धोखेधडी की रिपोर्ट दर्ज कराई है.” ऑफिसर ने कहा.
“क्या,
कैसा धोखा, ये आप क्या कह रहे हैं. पूजा मेरी गेस्ट है, यहाँ विजिटर्स वीसा पर आई
है.’
“मिस्टर
अतुल आप दोनों की शादी के प्रूफ ये फोटोग्राफ्स हैं. अब भी आप इसे झूठ कह रहे
हैं.”ऑफिसर ने पूजा का दिया हुआ शादी का एळबम खोल कर दिखाया.
“पूजा,
तुम क्यों मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर रही हो. अब तो हम दोनों यहाँ कोर्ट में शादी कर
के खुशी से रह सकते हैं. प्लीज़ पूजा मुझे माफ़ कर दो और अपनी रिपोर्ट वापिस ले
लो.”अतुल गिड़गिड़ाया.
“तान्या
का क्रीमेशन का झंझट इतनी जल्दी निबटा आए?”तल्खी से पूजा ने पूछा.
“आपकी
जानकारी के लिए बता दूँ, इन्होने तान्या की बॉडी मेडिकल कॉलेज को दान कर दी.’ जो कॉप
अतुल पर निगाह रखने को भेजा गया था, उसने
जानकारी दी
“तुम
इंसान नहीं जानवर हो, अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार भी ठीक से नहीं कर सके.? जिसके
साथ पति की तरह रहते रहे, उसे लावारिस की तरह छोड़ दिया.”घृणा से पूजा सिहर उठी.
“ऑफिसर,
मै इस इंसान को एक मिनट के लिए भी बर्दाश्त नहीं कर सकती, मुझे जाना है.’पूजा
बोली.
“अभी
हम आपको चार दिनों के लिए शेल्टर होम में शिफ्ट कर रहे हैं. जल्दी ही आपका ठीक
इंतज़ाम कर दिया जाएगा. आप बिलकुल परेशान न हों. मिस्टर अतुल अब हमारी कस्टडी में
हैं.”
“नहीं
पूजा प्लीज़ मेरी ज़िंदगी बर्बाद मत करो, मुझे माफ़ कर दो.”
“किसने
किसकी ज़िंदगी बर्बाद की है, तुम जानते हो.”पूजा जाने को खडी हो गई.
शेल्टर
होम की बेड पर लेटी पूजा की आँखों से नीद कोसो दूर थी. माँ को जब ये पता लगेगा तो
उस पर क्या बीतेगी, शायद समाज के भय से वह पूजा से कहती कि जो हुआ उसे भूल कर अतुल
को माफ़ कर दे, पर पूजा ऐसा कर के अपने ही नहीं तान्या के प्रति भी अन्याय नहीं कर
सकती. अतुल पूजा को शादी के पहले सच बता कर कुछ दिन प्रतीक्षा कर सकता था. उस
स्थिति में शायद उसकी ईमानदारी के कारण उसे स्वीकार करने या ना करने का निर्णय
पूजा का होता, पर इस झूठ के लिए कोई क्षमा नहीं है.और समीर? अचानक समीरकी याद आते
ही पूजा के मानस में उसका उदास चेहरा कौंध गया. पूजा के निर्णय में वह ज़रूर उसका
साथ देगा, पर अब क्या वह उसकी मदद मांग सकेगी? समीर ज़रूर कहेगा
”तूने
ठीक किया , पूजा ऐसे पापी को तो सज़ा मिलनी ही चाहिए.”
इतना
तो निश्चित है, ये पूजा हारी हुई दीन-हींन बन कर भारत नहीं लौटेगी.अपनी मेधा और योग्यता
पर उसे पूरा विश्वास है. इस नए देश और परिवेश में वह अपने को स्थापित करेगी. अपनी
नई ज़िंदगी की राह वह ज़रूर खोज लेगी, वह हारेगी नहीं जीत कर सम्मान से जिएगी.
ना
जाने कब पूजा सो सकी थी. चिड़ियों की चहचहाहट से पूजा की आँखें खुली थीं. खिड़की से
आती सूर्य की किरणें उसके आत्म विश्वासपूर्ण चेहरे को नई आभा प्रदान कर रही थीं.
पुष्पा
सक्सेना, पीएच डी
प्यार, विश्वास, शादी, जैसे कुछ बड़े अनुष्ठानों और उनसे जुड़े भावों की गहरी छानबीन। अत्यंत रोचक ढंग से प्रस्तुत इमीग्रेशन की पेंचीदगियों से जुड़ी एक अनूठी कहानी। स्त्री की बदलती सोच की दस्तक।
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